इन 10 कामों के लिए जरूरी है आधार कार्ड, जल्द मिलेगी कानूनी पहचान

साल 2009 में लॉन्च किया गया यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी आधार कार्ड अब बेहद अहम होने जा रहा है। मोदी सरकार इसको कानूनी पहचान देने जा रही है, जिससे यह हर जगह मान्य हो जाएगा। ऐसे में इसकी अहमियत आगे और बढ़ जाएगी। हालांकि ऐसी तमाम सर्विस हैं, जहां यह अभी भी बेहद जरूरी है। हम आपको बता रहे हैं कि आधार कार्ड फिलहाल किन 10 स्कीम्स के लिए जरूरी है….डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर फॉर एलपीजी (डीबीटीएल स्कीम)
आधार कार्ड पर आधारित डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम (एलपीजी सब्सिडी) केंद्र सरकार की एक बड़ी योजना है। इसके जरिए लाभार्थियों को सब्सिडी उनके बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर की जाती है। इस स्कीम को मोदी सरकार ने फिर से लॉन्च किया और ‘पहल’ नाम दिया है। आधार कार्ड जो भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत पहचान यानी (इंडविजुअल आइडेंटिफिकेशन) 12 डिजिट वाला नंबर है। डीबीटीएल स्कीम का लाभ पाने के लिए 17 डिजिट के एलपीजी कंज्यूमर नंबर से आधार नंबर को लिंक कराना होता है, जिसके बाद आपके बैंक अकाउंट में सब्सिडी का पैसा डायरेक्ट ट्रांसफर होता है। सरकार ने इस स्कीम को देशभर के 54 जिलों में 15.11.2014 को लॉन्च किया था और बाकी अन्य जिलों के लिए इसे 01.01.2015 से लागू किया है। डीबीटीएल स्कीम से 15.17 करोड़ लाभार्थी जुड़े हुए हैं। इस स्कीम के अंतर्गत लगभग 35 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी नकद हस्तांतरित की गई, जबकि स्वेच्छा से लगभग 83 लाख लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी है।

प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई)
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) को मोदी सरकार ने 28 अगस्त, 2014 को लॉन्च किया था। सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए देशभर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधा मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक अकाउंट खोलना है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड ही पर्याप्त है। इसके जरिए कोई भी भारतीय किसी भी बैंक में अपना अकाउंट जीरो बैंलेंस पर खुलवा सकता है। अगर डॉक्युमेंट प्रूफ के तौर पर आपके पास आधार कार्ड है तो कोई और प्रूफ देने की जरूरत नहीं है। इस योजना के तहत 10 फरवरी, 2016 तक देशभर में 20 करोड़ बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं, जिसमें लगभग 32 हजार करोड़ रुपए जमा किए गए हैं।

7 से 10 दिनों में बनेगा पासपोर्ट

पासपोर्ट बनवाने के लिए भी सबसे अहम डॉक्युमेंट के तौर पर आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि आप आधार कार्ड होल्डर हैं, तो आपको पासपोर्ट बनवाने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। आपका पासपोर्ट 7 से लेकर 10 दिनों के अंदर बन जाएगा। लेकिन, इसके लिए फीस सामान्य और तत्काल के लिए अलग-अलग है। सरकार ने पासपोर्ट बनवाना पहले की अपेक्षा अब और आसान बना दिया है, पहले आपको पासपोर्ट जारी किया जाएगा। उसके बाद पुलिस वेरीफिकेशन होगा। वहीं, पासपोर्ट के लिए आधार नंबर को अनिवार्य बना दिया गया, जिससे इसको बनवाना बेहद जरूरी है।

मोदी सरकार ने आधार कार्ड पर अधारित एक और स्कीम डिजिटल लॉकर सिस्टम को लॉन्च किया है, जिसका मकसद प्रत्येक भारतीय के सभी पर्सनल डॉक्युमेंट को ऑनलाइन सुरक्षित रखना है। इस स्कीम का लाभ युवा वर्ग को ज्यादा मिलेगा। 12 डिजिट वाले आधार कार्ड के जरिए कोई भी साइन-इन करके अपना जरूरी डॉक्युमेंट सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रख सकता है। इस स्कीम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यदि किसी ने अपने डॉक्युमेंट चाहे एकेडमिक हों या पर्सनल डिजिटल लॉकर में रख दिया है तो उसे कहीं जाने या मांगे जाने पर डॉक्युमेंट को लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत जुलाई, 2015 में यह स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम के तहत अभी तक 10.64 लाख यूजर रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनके जरिए 36 लाख डॉक्युमेंट इश्यू किए गए हैं, वहीं 16.17 लाख डॉक्युमेंट अपलोड किए जा चुके हैं।

वोटर कार्ड लिंकिंग
दरअसल देशभर में दिनोंदिन फर्जी वोटरों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सरकार ने वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना बनाई है। इसके तहत अब 12 डिजिट वाले आधार कार्ड आपको अपने वोटर आइडी कार्ड से लिंकअप करना होगा। इस योजना की शुरुआत 9 मार्च, 2015 से शुरू की गई है। क्योंकि, एक बार आधार कार्ड से जब वोटर आइडी कार्ड लिंकअप हो जाएगा तो उसके बाद कोई फर्जी वोटर आइडी कार्ड नहीं बनवा पाएगा। साथ ही वोट डालते वक्त आधार कार्ड लाना भी अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि फर्जी वोटिंग पर रोक लगाई जा सके।

मंथली पेंशन स्कीम

सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत चलाई जा रही मंथली पेंशन योजनाओं का फायदा सही लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए कई राज्य सरकारों ने इसे आधार कार्ड नंबर से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। ताकि, कोई फर्जी पेंशन कार्ड बनवाकर उसका लाभ न उठा सके। क्योंकि इस तरह की शिकायत कई राज्यों में मिली हैं। ऐसे में जो सही मायने में पेंशन का हकदार है उसे पेंशन नहीं मिल पाती है।

प्रॉविडेंट फंड

प्रॉविडेंट फंड का पैसा भी उसी अकांउट होल्डर को आसानी से मिलेगा, जो 12 डिजिट वाले अपने आधार नंबर को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के यहां रजिस्टर्ड करवाया है। ताकि, रिटायरमेंट के बाद किसी भी कमर्चारी को पैसा निकालने में कठिनाई ना हो इसके लिए इसे अनिवार्य बनाया गया है।

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट

आधार कार्ड लिंकअप पर आधारित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट स्कीम को डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड आईटी के स्कीम को मोदी सरकार ने लॉन्च किया है। मोदी ने यह स्कीम पेंशनभोगियों के लिए लॉन्च की है, जिसका नाम ‘जीवन प्रमाण’ रखा गया है। इस स्कीम से 1 करोड़ से अधिक पेंशनभोगी को फायदा होगा। सरकार का इस स्कीम को लॉन्च करने का मकसद उस व्यवस्था की अनिवार्यता को खत्म करना है, जिसके तहत प्रत्येक पेंनशनभोगी को हर साल खुद बैंक में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट पेश करना पड़ता है।

सेबी ने दी रेजिडेंशियल प्रूफ के तौर पर मान्यता

हाल में सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने भी स्टॉक एक्सचेंज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए निवास प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड को मंजूरी दे दी है। इसके पहले सेबी स्टॉक एकसचेंज में इन्वेस्टमेंट करने वालों के लिए आधार कार्ड को सिर्फ पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर मंजूरी दी थी।

नए बैंक अकाउंट खोलने के लिए

12 डिजिट वाले आधार कार्ड का एक और बड़ा लाभ यह है कि यदि आप किसी बैंक में अपना अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपको किसी और डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि सरकार ने आधार नंबर को किसी भी सरकारी काम के लिए डॉक्युमेंट प्रूफ के तौर मान्यता पहले से ही दे रखी है और बैंक भी इसको नए अकाउंट खोलने के लिए स्वीकार करने लगे हैं। चूंकि, आधार कार्ड पर आपके घर का पूरा पता दर्ज होता है जिससे उन्हें भी आसानी होती है।
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